Thursday, May 10, 2012

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नौकरशाही को भारी झटका ....!

सूचना आयोग में रिक्त पदों पर नजर लगाए नौकरशाहों को यह खबर पढ़कर झटका लगा सकता है क्योंकि सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कोर्ट में कल इसकी सुनवाई होना है। याचिका में नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि सरकार कुछ नौकरशाहों को उपकृत करने के प्रयास में है। यदि ऐसा होता है तो योग्य लोगों को महत्व नहीं मिलेगा।
सूचना आयोग में रिक्त पदों पर कई नौकरशाहों की नजर है, इसमें सेवानिवृत्त की संख्या अधिक है। सेवानिवृत्ति से पहले मुख्य सचिव अवनि वैश्य भी इसी प्रयास में रहे कि उन्हें इस पद पर नियुक्ति मिल जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मालूम हो आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित 9 सूचना आयुक्त के पद रिक्त हैं। सरकार में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू है। लोकायुक्त संगठन के सेवानिवृत्त डीपी अरुण गुर्टू, सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने हाईकोर्ट ने तामिलनाडू सूचना आयोग में नियुक्ति के संबंध में सुप्रीमकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति में संबंध में स्पष्ट नियम तैयार होना है, इसलिए अभी नियुक्तियां न हों। तर्क यह भी है कि नियुक्ति के संबंध में स्पष्ट प्रावधान न होने के कारण चयन समिति अपने स्तर पर किसी भी व्यक्ति का चयन कर लेती है, चूंकि आयोग का पद कानूनी है इसलिए इसमें विधि क्षेत्र में अधिक अनुभव रखने वालों को महत्व मिलना चाहिए। नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे इसलिए विज्ञापन के जरिए आवेदन बुलाकर नियुक्तियां हों।
होता रहा है नौकरशाहों का पुनर्वास -
प्रदेश में नौकरशाहों के पुनर्वास की लम्बी परम्परा है। यह परम्परा अभी कायम है। इसी के तहत प्रदेश के कई वरिष्ठ नौकरशाह और सेवानिवृत्त अफसर आयोग में रिक्त पदों पर काबिज होने के प्रयास में हैं। सूचना आयोग में सेवानिवृत्त नौकरशाहों को मौका मिलता रहा है।
कल होगी सुनवाई -
याचिका पर कल हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। हाईकोर्ट में याचिका की खबर से सरकार में हलचल मची है। नौकरशाहों की नजरें भी हाईकोर्ट के रुख पर टिकी हैं।

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