Sunday, May 20, 2012

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कमाल का है कलेक्टरों का खुफिया तंत्र

प्रदेश के औचक निरीक्षण पर निकले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यक्रम भले ही गोपनीय रहा हो, लेकिन कलेक्टरों का सूचना तंत्र कमाल का रहा। यानी सीएम के पहुंचने के पहले कलेक्टरों को सूचना मिलती रही और वे सक्रिय रहे। लेकिन यह भी  सही है कि औचक निरीक्षण की सूचना मात्र ने कलेक्टरों के होश उड़ा रखे हैं।
यह बात सही है कि जिलों में कलेक्टरों का अपना नेटवर्क होता है, वे अपने स्तर पर खुफिया जानकारी भी जुटाते हैं, लेकिन यह बात समझ से बाहर रही कि जब किसान उग्र हुए, सड़कों पर आ गए तो फिर कलेक्टरों का यह सूचना तंत्र कहां गया। इससे दो सवाल खड़े होते हैं एक या तो कलेक्टरों को इसकी भनक नहीं थी, दूसरा यह कलेक्टरों को अंदाजा था कि ऐसा होगा फिर भी उन्होंने सरकार को इसकी सूचना नहीं दी। यदि जानकारी होते हुए सरकार को सूचना नहीं दी तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। किसानों को एसएमएस कर मण्डी बुला लिया गया, गेंहू लिए किसान मण्डी में रात-रात भर खड़े रहे लेकिन वारदानों की कमी बताकर उनका गेंहू नहीं खरीदा गया तो किसानों का गुस्सा बढ़ने लगा। मण्डी में पड़ा गेंहू सड़ने लगा तो किसान सड़कों पर आ गए, तब सरकार सक्रिय हुई। इस बीच बिचौलिए भी सक्रिए हो गए। हालांकि मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को फ्री हैण्ड देते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि गड़बड़ी करने वालों को जेल में डाल दो। कार्यवाही करने से मत चूको। कलेक्टरों ने कार्यवाही शुरू की, लेकिन मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर स्वयं स्थिति को देखने का तय किया और औचक निरीक्षण का कार्यक्रम तैयार हो गया।

देखते ही बनी कलेक्टरों की सक्रियता -
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण की खबर आग की तरह फैली। कलेक्टर सुबह से ही सक्रिय थे। राजधानी भोपाल से वे लगातार मुख्यमंत्री की लोकेशन लेते रहे। हालांकि सीएम का कार्यक्रम गोपनीय था, इसलिए उन्हें सचिवालय से ज्यादा सफलता तो नहीं मिली तो कुछ कलेक्टरों ने अपने मीडिया मित्रों सहित अन्य लोगों का सहारा लिया। स्थिति यह रही कि सीएम के पहुंचने के पहले उन्हें सूचनाएं मिलती रहीं और कलेक्टर सीएम की आगवानी में खड़े नजर आए।

कलेक्टरों का टेस्ट, रिजल्ट 31 के बाद -
प्रदेश के औचक निरीक्षण पर निकले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कलेक्टरों का रिपोर्टकार्ड खुद तैयार कर रहे हैं। यह कलेक्टरों के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। इस परीक्षा का परिणाम 31 मई के बाद उजागर होगा। यानी जिसका काम अच्छा होगा कलेक्टरी बची रहेगी, अन्यथा वापस बुला लिया जाएगा।

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