Monday, August 27, 2012

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भ्रष्टों को बेनकाब करेंगे आईएएस थेटे

सरकार में उपेक्षित महसूस कर रहे आईएएस अधिकारी रमेश थेटे अब खुलकर सामने आ गए हैं। वे कहते हैं कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए ही भ्रष्टों के चेहरों से नकाब उठाएंगे। लोकायुक्त पीपी नावलेकर पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए थेटे ने कहा कि अब वे लोकायुक्त सहित संगठन से जुड़े अन्य अफसरों की काली कमाई उजागर करेंगे। आयकर और सीबीआई को प्रमाणों के साथ इनके दस्तावेज सौंपे जाएंगे।
‘प्रदेश टुडे’ से चर्चा करते हुए थेटे ने बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कई बार पत्र लिखने, व्यक्तिगत मुलाकात कर अपनी कहने का प्रयास किया गया लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए। उप सचिव स्तर के अधिकारी थेटे का दर्द यह है कि उनसे जूनियर अफसर सचिव स्तर तक प्रमोशन पा गए लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं दिया गया। बार-बार आग्रह किए जाने के बाद कलेक्टरी नहीं मिली। वे आरोप लगाते हैं दलित होने के कारण मुझे प्रताड़ना मिल रही है। एक सवाल पर वे कहते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार में रहकर ही लड़ाई लड़ता रहंूंगा, इसके लिए न बाबा रामदेव और न ही अन्ना हजारे के साथ जाएंगे। नौकरी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
भ्रष्ट हैं लोकायुक्त नावलेकर -
उज्जैन अपर आयुक्त थेटे ने कल बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर को भ्रष्ट बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश कैडर के कई सवर्ण आईएएस अधिकारियों पर अवैध संपत्ति व पद का दुरुपयोग कर शासन को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंचाने के आरोप लगे हैं, लेकिन लोकायुक्त संगठन ने ऐसे अफसरों के खिलाफ चालान पेश करने से पहले अभियोजन की स्वीकृति मांगी, लेकिन मेरे मामले में अभियोजन स्वीकृति के बिना ही चालान पेश कर दिया गया।
थेटे की फाइल तैयार -
मध्यप्रदेश कॉडर में 1993 बैच के आईएएस अधिकारी रमेश थेटे द्वारा सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी किए जाने को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार ने इसे सर्विस रूल्स के खिलाफ मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की है। संभव है एक-दो दिन में उनके खिलाफ कोई एक्शन हो जाए।

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