Saturday, June 16, 2012

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कलेक्टर हटाने में आयोग का अडंगा

आईएएस अफसरों की प्रशासनिक सर्जरी में राज्य निर्वाचन आयोग का अडंगा आड़े आ गया। अब सरकार को नगरीय निकाय चुनाव आचार संहिता खत्म होने का इंतजार है। इसके बाद एक और प्रशासनिक फेरबदल होगा, इसमें अधिकांश कलेक्टर ही रहेंगे।

राज्य सरकार ने आईएएस अफसरों की जो तबादला सूची तैयार की थी, उसमें दो दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टर भी शामिल थे, इसमें प्रभावित होने वालों में वे जिले भी शामिल थे, जहां नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। चूंकि यहां चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से वहां के कुछ कलेक्टरों को हटाए जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने राज्य सरकार को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि चूंकि कलेक्टर जिलों के निर्वाचन अधिकारी हैं, इसलिए इनके तबादले अभी नहीं किए जा सके। आयोग के इंकार के बाद सरकार सरकार ने आईएएस अफसरों की आधी-अधूरी सूची जारी कर दी। असल में प्रदेश के रतलाम, बैतूल, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। प्रशासनिक फेरबदल में इन जिलों के कुछ कलेक्टर भी प्रभावित हो रहे थे, इसलिए आयोग से अनुमति चाही गई थी। अब चुनाव आचार संहिता हटने के बाद यहां के कलेक्टरों के साथ अन्य जिलों के कलेक्टर बदले जाएंगे।

अभी मात्र पांच कलेक्टर ही प्रभावित -
कल जारी हुई तबादला सूची में दतिया, छतरपुर, शिवपुरी, शाजापुर, होशंगाबाद जिले के कलेक्टर ही प्रभावित हुए हैं। इसमें छतरपुर कलेक्टर राहुल जैन खुसनसीब कहे जा सकते हैं, क्योंकि जितने कलेक्टरों के तबादले हुए हैं उनमें जैन को फिर से कलेक्टरी दी गई, शेष को अन्य जिम्मेदारी मिली है। इन्हें होशंगाबाद का कलेक्टर पदस्थ किया गया है। प्रमोशन मिलने के बाद से कलेक्टरी का सपना संयोए राजेश बहुगुणा, प्रमोद गुप्ता, आरके जैन की मुराद पूरी हो गई। बहुगुणा को छतरपुर,गुप्ता को शाजापुर और जैन को शिवपुरी जिले की जिम्मेदारी मिली है।

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