Monday, August 27, 2012

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डिफाल्टरों में नाम आने से आईएएस खफा


केन्द्र सरकार को अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा न देने पर देश के 127 डिफाल्टर आईएएस अफसरों की सूची में प्रदेश के 32 आईएएस अफसरों का नाम आने पर अफसरों ने आपत्ति दर्ज कराना शुरू कर दी है। वे इस बात पर आश्चर्य भी प्रकट कर रहे हैं जब निर्धारित समय पर उन्होंने ब्यौरा दे दिया है तो उनका नाम डिफाल्टरों की सूची में कैसे आ गया। अब राज्य सरकार भी अफसरों का रिकार्ड दुरुस्त खंगालने में जुटी है।
केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने प्रदेश के जिन आईएएस अफसरों को डिफाल्टरों की सूची में शामिल किया है, उसमें एसीएस स्तर के अफसरों से लेकर प्रमुख सचिव, सचिव और उनसे जूनियर अफसर भी शामिल हैं। राज्य सरकार भी मान रही है कि प्रदेश के सभी आईएएस अफसरों ने अचल सम्पत्ति का ब्यौरा दे दिया है, लेकिन कुछ अफसरों के ब्यौरे में कमियां हैं, दी गई जानकारी का परीक्षण चल रहा है, इसलिए इनकी जानकारी केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय को नहीं दी गई है। आधी अधूरी जानकारी केन्द्र को दी जाना भी उचित नहीं है, ऐसे में जैसे-जैसे आपत्तियों का निराकरण होता जा रहा है वैसे-वैसे केन्द्र को इसकी सूचना भेजी जा रही है। प्रदेश के 32 आईएएस अफसरों के नाम प्रकाश में आने से अधिकांश अफसरों ने मंत्रालय में संपर्क साधते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई। कल सोमवार और की तरह आज मंगलवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही। कई आईएएस अफसरों ने दोबारा अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा मंत्रालय को उपलब्ध कराया, वे सरकारी ढर्रा के शिकार नहीं होना चाहते। उनका तर्क है कि जिन्होंने जैसी जानकारी दी है, वैसी ही जानकारी केन्द्र को उपलब्ध करा दी जाए, यदि कुछ त्रुटियां या आपत्ति है तो इसका निराकरण होता रहेगा।

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