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अफसर बोले : आल इज वेल
मंत्रालय से लेकर फील्ड में बैठे अफसर सभी ओके रिपोर्ट देते रहे, आश्चर्य यह रहा कि फील्ड से आ रही रिपोर्ट को किसी भी जिम्मेदार अफसर ने क्रॉस चैक करने की जहमत नहीं उठाई। हालात बिगड़ते गए और स्थिति सामने है। कल आनन-फानन में मुख्य सचिव ने मंत्रालय में बैठकर कमिश्नरों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा कर जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया। ज्यादातर कमिश्नरों ने स्थिति को बेहतर बताया। एक ओर सरकार दिल्ली तक बारदानों की कमी का रोना रो रही है, वहीं कलेक्टर कहते हैं कि कमी अब दूर हो रही है। हालांकि मुख्य सचिव ने स्थिति को भांपते हुए सभी कलेक्टरों और कमिश्नरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यही मौका है जब उन्हें प्रशासनिक नेतृत्व क्षमता को दिखाते हुए चुनौतियों का सामना करना है।
चीफ सेके्रटरी को कमिश्नरों ने यह दी रिपोर्ट -
सागर कमिश्नर आर के माथुर -
संभाग में बारदानों की कमी नहीं है। गेंहू भण्डारण की पूरी व्यवस्था है।
जबलपुर कमिश्नर दीपक खाण्डेकर -
संभाग में बारदाना की कोई कमी नहीं है। पश्चिम बंगाल एवं छत्तीसगढ़ से बारदानों की आपूर्ति हुई है।
भोपाल कमिश्नर प्रवीण गर्ग -
इटारसी एवं मण्डीदीप में बारदानों के रेक पहुंच जाने से काफी आसानी हुई है। संभाग में स्थिति बेहतर है।
होशंगाबाद कमिश्नर अरुण तिवारी -
संभाग में उपार्जन कार्य देर से शुरू हुआ। मई माह के अंत तक सुचारू रूप से खरीदी की व्यवस्था कर ली गई है।
ग्वालियर कमिश्नर एसबी सिंह -
बारदानों की कमी दूर हुई है। प्लास्टिक बैग भी पहुंचने लगे हैं।
चंबल कमिश्नर अशोक शिवहरे -
गेंहू खरीदी सुचारू चल रही है। खरीदी में कहीं कोई बाधा नहीं है।
उज्जैन कमिश्नर अरुण पाण्डे -
गेहंू उपार्जन कार्य सुचारू चल रहा है। मण्डी तक आने वाले किसानों से खरीदी हो रही है।
इंदौर कमिश्नर पीके पाराशर -
विक्रम नगर में तीन हजार गठानों के मिलने से आसानी हुई। धार जिले के लिए आवश्यकतानुसार अधिक बारदाना की व्यवस्था की गई है।
शहडोल कमिश्नर प्रदीप खरे -
गेंहू खरीदी में कहीं कोई बाधा नहीं है। काम-काम सुचारू ढंग से चल रहा है।
रीवा कलेक्टर शिवनारायण रुपला -
कमिश्नर टी धर्माराव की अनुपस्थिति में कलेक्टर शिवनारायण रुपला ने बताया कि सतना जिले में बारदानों की कुछ कमी अनुभव की गई है।
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