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प्रदेश से खत्म होगा आईएएस का 1974 बैच
मध्यप्रदेश में आईएएस कॉडर का 1974 बैच इस माह समाप्त हो जाएगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस माह दो वरिष्ठतम आईएएस अफसर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ये दोनों इसी बैच के हैं। इनमें एक मध्यप्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं जबकि दूसरे केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
रंजना चौधरी और केएम आर्चाय ऐसे दो अफसर हैं, जिन्हें प्रदेश के वरिष्ठतम आईएएस अफसरों का गौरव हासिल है। इनमें रंजना चौधरी मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की अध्यक्ष हैं, जबकि केएम आचार्य वर्ष 2003 से केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। ये दोनों अफसर 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे। यदि देश की बात की जाए तो इस बैच के एक आईएएस अफसर उत्तर कॉडर में है। ये भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। देश के सबसे ताकतवर अफसरों में शुमार ये हैं अजीत कुमार सेठ। ये कैबिनेट सेक्रेटरी हैं। पिछले वर्ष ही इन्हें यह महत्पूर्ण जिम्मेदारी मिली हैं। यदि ये कैबिनेट सेके्रटरी न बनते तो ये पिछले वर्ष ही सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन इन्हें दो वर्ष की सेवावृद्धि मिल चुकी है।
तेज तर्रार अफसर हैं रंजना चौधरी -
प्रदेश के तेज तर्रार अफसरों में शुमार रंजना चौधरी उस समय ज्यादा सुर्खियों में आ गर्इं जब इन्होंने सूचना आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा। पत्र में इन्होंने सीधे तौर पर सरकार को सलाह दी थी कि रिक्त पदों पर योग्य और बेदाग अफसरों को ही नियुक्त किया जाए। मालूम हो तत्कालीन मुख्य सचिव भी राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए प्रवल दावेदारों में से एक रहे हैं। हालांकि अभी तक इस पर किसी अफसर की नियुक्ति नहीं हुई है।
अरुणा शर्मा का बढ़ेगा ओहदा -
एसीएस रंजना चौधरी के सेवानिवृत्त होने के साथ ही 1982 बैच की आईएएस अफसर अरुणा शर्मा एसीएस पद पर पदोन्नत होंगी, क्योंकि केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ डॉ. अमर सिंह के प्रदेश में जल्द लौटने की संभावना कम है, जबकि 1979 बैच की आईएएस अफसर स्नेहलता कुमार मध्यप्रदेश वापस लौटने के मूड में नहीं है। हालांकि उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद तीन माह के लिए केन्द्रीय योजना आयोग में सलाहकार बना दी गईं थीं। वहां का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है, अब वे अवकाश पर चलीं गई हैं। ऐसे में अरुणा शर्मा को प्रमोशन मिलने की पूरी संभावना है।
रंजना चौधरी और केएम आर्चाय ऐसे दो अफसर हैं, जिन्हें प्रदेश के वरिष्ठतम आईएएस अफसरों का गौरव हासिल है। इनमें रंजना चौधरी मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मण्डल की अध्यक्ष हैं, जबकि केएम आचार्य वर्ष 2003 से केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। ये दोनों अफसर 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे। यदि देश की बात की जाए तो इस बैच के एक आईएएस अफसर उत्तर कॉडर में है। ये भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। देश के सबसे ताकतवर अफसरों में शुमार ये हैं अजीत कुमार सेठ। ये कैबिनेट सेक्रेटरी हैं। पिछले वर्ष ही इन्हें यह महत्पूर्ण जिम्मेदारी मिली हैं। यदि ये कैबिनेट सेके्रटरी न बनते तो ये पिछले वर्ष ही सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन इन्हें दो वर्ष की सेवावृद्धि मिल चुकी है।
तेज तर्रार अफसर हैं रंजना चौधरी -
प्रदेश के तेज तर्रार अफसरों में शुमार रंजना चौधरी उस समय ज्यादा सुर्खियों में आ गर्इं जब इन्होंने सूचना आयोग में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा। पत्र में इन्होंने सीधे तौर पर सरकार को सलाह दी थी कि रिक्त पदों पर योग्य और बेदाग अफसरों को ही नियुक्त किया जाए। मालूम हो तत्कालीन मुख्य सचिव भी राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त पद के लिए प्रवल दावेदारों में से एक रहे हैं। हालांकि अभी तक इस पर किसी अफसर की नियुक्ति नहीं हुई है।
अरुणा शर्मा का बढ़ेगा ओहदा -
एसीएस रंजना चौधरी के सेवानिवृत्त होने के साथ ही 1982 बैच की आईएएस अफसर अरुणा शर्मा एसीएस पद पर पदोन्नत होंगी, क्योंकि केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ डॉ. अमर सिंह के प्रदेश में जल्द लौटने की संभावना कम है, जबकि 1979 बैच की आईएएस अफसर स्नेहलता कुमार मध्यप्रदेश वापस लौटने के मूड में नहीं है। हालांकि उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद तीन माह के लिए केन्द्रीय योजना आयोग में सलाहकार बना दी गईं थीं। वहां का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है, अब वे अवकाश पर चलीं गई हैं। ऐसे में अरुणा शर्मा को प्रमोशन मिलने की पूरी संभावना है।
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