Monday, May 7, 2012

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कलेक्टर को भारी पड़ा सरकार से पंगा


सरकार को चुनौती देने वाले आईएएस अफसर नवनीत मोहन कोठारी को अब जेब ढीली करना होगी। मामला दो सरकारी मकानों पर कब्जा जमाने से जुड़ा है।
बालाघाट कलेक्टर रहे कोठारी की कुछ समय के लिए भोपाल में पदस्थापना हुई थी। उस दौरान इन्हें निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ किया गया था। उसी समय इन्हें भोपाल के चार इमली स्थित डी 3/2 बंगला आवंटित हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद ही इन्हें खरगौन जिले की कलेक्टरी मिल गई। इन्होंने खरगौन में ज्वाइन तो कर लिया लेकिन भोपाल का बंगला नहीं छोड़ा। संपदा संचालनालय ने इन्हें बंगला खाली करने के लिए कई नोटिस भी भेजे लेकिन इन्हें बंगला खाली करने के बजाय कोर्ट की शरण ली। सरकार ने कोर्ट को बताया कि नियमानुसार एक व्यक्ति को एक ही सरकारी मकान की पात्रता होती है, चूंकि कोठारी खरगोन कलेक्टर हैं, उन्हें वहां सरकारी मकान आवंटित है इसलिए उन्हें भोपाल का मकान खाली करना होगा। भोपाल में सरकारी मकान के इसलिए भी पात्र नहीं हैं क्योंकि इनकी पदस्थापना भोपाल शहर में नहीं है।
दो माह के लिए मिली थी अनुमति -
10 सितम्बर 2011 को खरगोन कलेक्टर बनाए गए कोठारी को दो माह के लिए भोपाल में सरकारी मकान की अनुमति थी। इसके बाद इन्होंने यह अवधि और बढ़ाए जाने का आवेदन किया लेकिन सरकार ने उनका आवेदन खारिज करते हुए मकान खाली करने का आदेश दिया।
बाजार दर से होगी बसूली -
कोठारी से अब राज्य सरकार बाजार दर से मकान किराया बसूलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उनकी फाइल खंगाली जा रही है। हिसाब-किताब तैयार होते ही उन्हें वसूली का नोटिस जारी किया जाएगा।

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