Friday, July 20, 2012

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विधानसभा : छोटों पर गाज, बड़े सुरक्षित

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांगे्रस द्वारा किए गए हंगामे और उनके आसंदी तक पहुंच जाने के मामले में विधानसभा सचिवालय ने इसे सुरक्षा में चूक माना है। इसके लिए सुरक्षा से जुड़े चार लोगों को निलंबित करते हुए पांच से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सचिवालय की इस कार्रवाई से असंतोष भी दिखने लगा है। इसका प्रमुख कारण छोटों पर गाज और बड़ों पर आंच न आना माना जा रहा है।
मामला 17 जुलाई की घटना से जुड़ा है। इस दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्य स्पीकर के कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए, इस कारण न तो स्पीकर सदन में पहुंच सके और न ही राजदण्ड सदन में ले जाया गया। सदन की बात की जाए तो यहां कांग्रेसी विधायक सभापति की आसंदी के पास जा पहुंचे। हालांकि इस घटना के बाद कांग्रेस के दो विधायकों चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और कल्पना पारुलेकर की सदस्यता समाप्त की जाकर आधा दर्जन विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला बना है। अब सभी की नजर यहां की सुरक्षा पर थी, कि मार्शलों के होते हुए आसंदी तक विधायक कैसे पहुंच गए।
11 लोग आए लपेटे में -
सहायक संचालक सुरक्षा सतीश कुमार पाण्डे, मार्शल कमलेश सिंह, सहायक मार्शल शिवाकांत दुबे, सुरक्षा गार्ड सुरेश मिश्रा को कर्त्तव्य में लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा वाचस्पति मिश्रा मार्शल, सहित सहायक मार्शलों में प्रदीप पाण्डे, विश्वनाथ चर्मकार, अरविन्द शर्मा, नारायण गौतम, रावेन्द्र पाण्डे और वंदना अंवाडकर सुरक्षा गार्ड को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
जिम्मेदारी तय नहीं -
सचिवालय ने चार को निलंबित किए जाने के साथ सात लोगों से स्पष्टीकरण तो मांगा है, लेकिन अभी तक अन्य वरिष्ठों की जिम्मेदारी तय नहीं की है। मालूम हो अरविन्द रघुवंशी सुरक्षा संचालक हैं, जेके शर्मा उप संचालक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सतीश भार्गव चीफ मार्शल हैं।
अधिकारी बोले -
प्रारंभिक तौर पर जिनकी गलती नजर आई, उन पर कार्यवाही की गई है। मामले की जांच की जाएगी, यदि इसमें अन्य लोगों की लारपवाही सामने आएगी तो उनके खिलाफ भी कार्यवाही होगी।
राजकुमार पाण्डे, प्रमुख सचिव विधानसभा

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