Saturday, July 14, 2012

10:30 PM - 1 comment

नाकारा नहीं है प्रदेश के नौकरशाह


नाकारा अफसरों की छुट्टी किए जाने संबंधी केन्द्र सरकार के फरमान से देश के नौकरशाहों में भले ही खलबली मची हो, लेकिन मध्यप्रदेश के नौकरशाहों को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ने यहां के किसी भी नौकरशाह को नाकारा नहीं मानती। सभी का काम-काज बेहतर है।

मामला अफसरों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) से जुड़ा है। केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय ने मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे परिपत्र में कहा है कि 15 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के काम-काज की समीक्षा की जाए। समीक्षा के दौरान जो अफसर नाकारा हों, उन्हें सेवानिवृत्त किया जाए। कार्मिक मंत्रालय की नाराजगी इस बात को लेकर ज्यादा है कि वर्षों से अफसरों की एसीआर योग्य और संतोषप्रद है, ऐसे अफसरों के काम-काज की पड़ताल जरूरी है क्योंकि ये स्थिर की श्रेणी आते हैं। इन्हें नाकारा मानते हुए नौकरी से छुट्टी किया जाना ही बेहतर है। कार्मिक मंत्रालय का सर्कुलर मध्यप्रदेश सरकार को भी मिल चुका है। इसकी भनक लगते ही अफसरों के खेमे में हलचल मची है। इनकी रूचि अब अपनी-अपनी एसीआर को जानने में अधिक है।
सभी की एसीआर तैयार -
सूबे में आईएएस अफसरों की एसीआर का काम लगभग पूरा हो चुका है। मंत्रालय को प्राप्त हुई एसीआर में ज्यादातर के काम-काज को बेहतर माना गया है। इसमें आउट स्टेंडिंग और गुड-वैरीगुड वालों की संख्या अधिक है। औसत एसीआर वालों की संख्या नगण्य है।
दागियों की खासी संख्या -
ऐसा नहीं है प्रदेश में सभी आईएएस अफसर बेतहर है। दागियों की संख्या 30 से अधिक है। इसमें कुछ के खिलाफ लोकायुक्त संगठन जांच कर रहा है तो कुछ के मामले ईओडब्ल्यू में चल रहे हैं। विभागीय जांच के घेरे में भी कई अफसर फंसे हैं। मनरेगा में फंसे कई अफसरों के बारे में कार्यवाही किए जाने के मामले में तो संबंधित विभाग सरकार को लिख चुका है इसके बाद भी संबंधितों पर कार्यवाही नहीं हो रही है। आश्यर्य यह है कि सभी अफसरों के काम-काज को बेहतर माना गया है।
इनके खिलाफ नजरें टेढ़ी -
सूबे के चार आईएएस अफसर ऐसे हैं जिनके मामले में राज्य सरकार ने नजरें टेढ़ी की हैं। इनमें वरिष्ठ आईएएस अफसर अरविन्द जोशी, टीनू जोशी को तो बर्खास्त किए जाने की सिफारिश की जा चुकी है। अनुशासनहीनता के दायरे में आए अनिल यादव के बारे में केन्द्र से मार्गदर्शन मांगा गया है, जबकि दुष्कृष्य मामले में फंसे वीके कटेला के खिलाफ जांच चल रही है।