Saturday, June 16, 2012

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सरकार को आयोग का झटका ...!

राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए एक आईपीएस सहित चार आईपीएस अफसरों के तबादलों पर रोक लगा दी है। इन अफसरों का हाल ही में तबादला किया गया था। रोक लगाते हुए आयोग ने सरकार से यह भी कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के चलते चुनाव कार्य से जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला न किया जाए।

हाल ही हुई प्रशासनिक सर्जरी के दौरान बड़ी संख्या में आईएएस और आईपीएस अफसर प्रभावित हुए  थे। इसमें कुछ ऐसे अफसर भी प्रभावित हो गए थे जो चुनाव क्षेत्र में पदस्थ हैं। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सकरार को स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि निर्देशों का पालन किया जाए। आयोग की अनुमति के बिना चुनाव कार्य से जुड़े किसी भी अधिकारी कर्मचारी को न हटाया जाए। बुधवार को जारी तबादला आदेश में सरकार ने शहडोल कमिश्नर प्रदीप खरे को रीवा स्थानांतरित करते हुए शहडोल संभाग की की जिम्मेदारी आयुक्त पिछड़ा वर्ग कल्याण रघुवीर श्रीवास्तव को दे दी थी। शहडोल से प्रदीप खरे का तबादला किए जाने पर आयोग ने सख्त आपत्ति की थी। आयोग के रुख को देखते हुए सरकार ने आनन-फानन में श्रीवास्तव को यथावत रखते हुए खरे को शहडोल संभाग का अतिरिक्त प्रभार देने के आदेश जारी कर दिए। इसी प्रकार यूआर नेताम बालाघाट आईजी को नारकोटिक्स आईजी, अरुण प्रताप सिंह आईजी शहडोल को आईजी एसएएफ पीएचक्यू पदस्थ किया। साथ ही राजाबाबू डीआईजी शहडोल को पदोन्नत करते हुए आईजी बालाघाट एवं वेद प्रकाश शर्मा डीआईजी छतरपुर को पदोन्नत करते हुए आईजी शहडोल पदस्थ किया था। आयोग के निर्देश पर इन अफसरों के तबादलों पर रोक लगाते हुए इन्हें यथावत रखा गया है। यानी अब निकाय चुनाव के बाद ही आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादला आदेश जारी होंगे। मालूम हो प्रदेश के रतलाम, बैतूल, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया जिले की 49 नगरीय निकाय चुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता लागू है।

10:08 PM - No comments

माननीयों को 25 दिन पहले पूछना होंगे सवाल


सदन में सरकार के काम-काज की जानकारी लेने के लिए अब विधायकों को 25 दिन पहले सवाल पूछना होंगे। पूर्व में यह अवधि 21 दिन थी। सचिवालय ने इसकी सूचना सभी विधायकों को भेज दी है।
विधायकों की यह आम शिकायत रही है कि उन्हें प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल पाते, अधिकांश सवालों पर सरकार की ओर से यही जवाब आता है कि जानकारी एकत्रित की जा रही है। समय-समय पर सदन में यह मांग उठाते भी रहे हैं कि जब वे समय से सवाल पूछते हैं तो उत्तर भी समय पर मिलना चाहिए। इस मामले में स्पीकर भी सरकार को निर्देशित करते रहे हैं कि सदस्यों के जवाब समय पर दिए जाएं। विधायकों की सुविधा को ध्यान में रखकर सचिवालय ने व्यवस्था को अब और सरल किया है। यानी सरकार को जवाब देने के लिए अवधि 12 दिन से बढ़ाकर 14 दिन कर दी है। यानी विभागों को जवाब देने के लिए दो दिन का समय अधिक मिल जाएगा। स्पीकर की अध्यक्षता वाली नियम समिति ने भी ऐसी ही अनुशंसाएं की थीं। समिति की अनुशंसाओं को मानते हुए इसे इसी सत्र से लागू किया जा रहा है।

पूर्व की व्यवस्था बहाल -
विधायकों को प्रश्न पूछने के लिए 25 दिन का समय पहली बार निर्धारित नहीं हुआ है, बल्कि डेढ़ दशक पूर्व भी यह व्यवस्था लागू थी, लेकिन इसे बाद में बदलकर 21 दिन कर दिया गया। साथ ही विभागों को उत्तर देने के लिए अवधि भी 14 दिन से घटाकर 12 दिन कर दी गई थी। अब वही पुरानी व्यवस्था फिर से लागू कर दी गई है।

विधायकों को सूचनाओं के लिए समय -
प्रश्न पूछने का समय 25 दिन पूर्व
विधेयक में संशोधन की सूचना एक दिन पूर्व
संकल्पों का संशोधन की सूचना 3 दिन पूर्व
प्रश्नों के उत्तरों पर आधे घण्टे की चर्चा कराने की सूचना 2 दिन पूर्व


10:05 PM - No comments

कलेक्टर हटाने में आयोग का अडंगा

आईएएस अफसरों की प्रशासनिक सर्जरी में राज्य निर्वाचन आयोग का अडंगा आड़े आ गया। अब सरकार को नगरीय निकाय चुनाव आचार संहिता खत्म होने का इंतजार है। इसके बाद एक और प्रशासनिक फेरबदल होगा, इसमें अधिकांश कलेक्टर ही रहेंगे।

राज्य सरकार ने आईएएस अफसरों की जो तबादला सूची तैयार की थी, उसमें दो दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टर भी शामिल थे, इसमें प्रभावित होने वालों में वे जिले भी शामिल थे, जहां नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। चूंकि यहां चुनाव आचार संहिता लागू है, इसलिए सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से वहां के कुछ कलेक्टरों को हटाए जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन आयोग ने राज्य सरकार को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि चूंकि कलेक्टर जिलों के निर्वाचन अधिकारी हैं, इसलिए इनके तबादले अभी नहीं किए जा सके। आयोग के इंकार के बाद सरकार सरकार ने आईएएस अफसरों की आधी-अधूरी सूची जारी कर दी। असल में प्रदेश के रतलाम, बैतूल, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। प्रशासनिक फेरबदल में इन जिलों के कुछ कलेक्टर भी प्रभावित हो रहे थे, इसलिए आयोग से अनुमति चाही गई थी। अब चुनाव आचार संहिता हटने के बाद यहां के कलेक्टरों के साथ अन्य जिलों के कलेक्टर बदले जाएंगे।

अभी मात्र पांच कलेक्टर ही प्रभावित -
कल जारी हुई तबादला सूची में दतिया, छतरपुर, शिवपुरी, शाजापुर, होशंगाबाद जिले के कलेक्टर ही प्रभावित हुए हैं। इसमें छतरपुर कलेक्टर राहुल जैन खुसनसीब कहे जा सकते हैं, क्योंकि जितने कलेक्टरों के तबादले हुए हैं उनमें जैन को फिर से कलेक्टरी दी गई, शेष को अन्य जिम्मेदारी मिली है। इन्हें होशंगाबाद का कलेक्टर पदस्थ किया गया है। प्रमोशन मिलने के बाद से कलेक्टरी का सपना संयोए राजेश बहुगुणा, प्रमोद गुप्ता, आरके जैन की मुराद पूरी हो गई। बहुगुणा को छतरपुर,गुप्ता को शाजापुर और जैन को शिवपुरी जिले की जिम्मेदारी मिली है।

9:50 PM - No comments

मंत्रियों को थमाया रिपोर्टकार्ड

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामूहिक बैठक के दौरान मंत्रियों को रिपोर्टकार्ड थमा दिया। इसमें एक दर्जन विभागों की तारीफ करते हुए अन्य विभागों को और बेहतर काम करने की नसीहत दी। इनमें नौ मंत्री शामिल हैं।

प्रशासनिक कसावट लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री समय-समय पर समीक्षा करते रहते हैं। इसी कड़ी में हाल ही में अफसरों और मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा और विभागवार समीक्षा भी की। अब सभी की सामूहिक बैठक बुलाई गई। विभागों के मंत्रियों और आला अफसरों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने एक-एक रिपोर्टकार्ड बताना शुरू किया। इसमें एक दर्जन विभाग ऐसे रहे जिनका काम-काज बेहतर बताया गया। अन्य विभागों को सलाह दी गई कि वे और बेहतर काम करे। मंत्रियों और अफसरों के लिए यह संतोष की बात रही कि उन्होंने किसी ऐसे विभाग को इंगित नहीं किया जिसका परफारमेंस खराब रहा हो, हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि सभी मंत्री और अफसर टीम भावना से काम करें तो परिणाम बेहतर सामने आएंगे।
प्रति सप्ताह होगी समीक्षा -
विभागवार समीक्षा के बाद सामूहिक बैठक को संबोधित कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विभागवार समीक्षा की जाएगी। मंत्रियों और अफसरों को सलाह दी कि वे प्रति सप्ताह विभागीय कार्यों की समीक्षा करें।

यह रहा रिपोर्टकार्ड का आधार -
किस विभाग ने कितना राजस्व अर्जित किया और विभागों ने उपलब्ध बजट की कितनी राशि खर्च की। योजनाओं का क्रियान्वयन कैसा रहा।

इन मंत्रियों को रहा बेहतर परफारमेंस
रंजना बघेल - महिला एवं बाल विकास
कन्हैया लाल अग्रवाल - एनवीडीए
जयंत मलैया - जल संसाधन
अजय विश्नोई - अल्प संख्यक कल्याण, पशुपालन
जगदीश देवड़ा - जेल, परिवहन
करण सिंह वर्मा - राजस्व
कैलाश विजयवर्गीय - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
राजेन्द्र शुक्ल - खनिज
राघवजी - वाणिज्यिक कर

श्रम से संतुष्ट नहीं -
मुख्यमंत्री श्रम विभाग के प्रति संतुष्ट नजर नहीं आए। इस विभाग को और मेहनत से काम करने की जरूरत है। उनका तर्क था कि यदि मजदूरों का शतप्रतिशत पंजीयन हो जाए तो रोजगार की समस्या बहुत हद तक कम हो जाएगी।

9:46 PM - No comments

IAS त्रिपाठी संभालेंगे जल निगम की कमान


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वासपात्र अफसरों में शुमार आकाश त्रिपाठी को एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने जा रही है। सरकार इन्हें नव गठित जल निगम की कमान दे रही है। इन्होंने भी हां कह दी है।
पिछले माह की 22 तारीख को कैबिनेट ने जल निगम के गठन को मंजूरी देने के साथ ही सरकार ने ऐसे अफसर की तलाश शुरू कर दी थी, जो इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाल सके। हालांकि शुरुआती दौर में ही यह तय हो गया था कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले इस निगम की कमान किसी आईएएस अफसर को ही सौंपी जाएगी, इसके लिए ऐसे अफसर की तालश थी जो तेज तर्रार हो और इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर सके। ऐसे में मुख्यमंत्री सचिवालय में अतिरिक्त सचिव आकाश त्रिपाठी के नाम पर विचार हुआ। और इनके नाम पर सहमति बन गई। त्रिपाठी भी यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। इस जिम्मेदारी के साथ त्रिपाठी मुख्यमंत्री सचिवालय में भी सेवाएं देते रहेंगे।

आकार लेने लगा निगम -
जल निगम का काम तो पहले ही तय है अब इसे आकार भी मिलने लगा है। यानी यहां अफसरों की तैनाती होने लगी है। हाल ही में यहां एक मुख्य अभियंता सहित दो कार्यपालन यंत्रियों को प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की पदस्थापना होना है। 

यह काम करेगा निगम -
मध्यप्रदेश जल निगम (मध्यप्रदेश वॉटर कापोर्रेशन) प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में संचालित समूह नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ऋण लेने तथा अन्य संसाधनों से वित्तीय प्रबंध कर सकेगा। कापोर्रेशन द्वारा जरूरत के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में नल-जल एवं मल-जल निष्पादन योजनाओं का क्रियान्वयन और नल कनेक्शन के माध्यम से परिवारों को पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। नल-जल योजनाओं के सुचारु संचालन और संधारण के उद्देश्य से ग्राम-स्तर पर समितियाँ गठित करने और समिति के सदस्यों की क्षमता वृद्धि का दायित्व भी कापोर्रेशन निभाएगा।

Thursday, June 7, 2012

7:29 AM - No comments

‘सुशासन’ पर सवाल .....!

सरकारी काम-काज में सुशासन लाने के लिए गठित स्कूल आॅफ गुड गर्वनेंस सुर्खियों में है। मामला यहां के महानिदेशक (डीजी) की नियुक्ति से जुड़ा है। सरकार यहां चयन के स्थान पर मनोनयन के माध्यम से नियुक्ति के प्रयास में है। अब मामला राजभवन पहुंच गया है।

जून 2007 में स्कूल आॅफ गुड गर्वनेंस की स्थापना हुई थी। कैबिनेट में लिए गए निर्णय के तहत यहां के डीजी पद पर चयन के माध्यम से नियुक्ति होगी। कैबिनेट निर्णय पर अमल की बात आई तो चयन के स्थान पर मनोनयन से नियुक्ति कर दी गई। इसका खुलासा उस नोटशीट से हुआ जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग की तत्कालीन प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री भेजे प्रस्ताव में नियुक्ति के लिए चयन या मनोनयन का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने इसमें मनोनयन करते हुए प्रो. एचपी दीक्षित को यहां का डीजी नियुक्त कर दिया। अबइस बार भी कुछ ऐसा ही दुस्साहस हो रहा है।

पूर्व मुख्य सचिव भी कतार में -
यहां के डीजी पद के लिए पूर्व मुख्य सचिव अवनि वैश्य सहित कई सेवानिवृत्त नौकरशाह भी कतार में हैं। इन सभी में अवनि वैश्य सबसे आगे हैं। प्रो. दीक्षित का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से यह पद लम्बे समय से रिक्त है। यहां नियुक्ति को लेकर सरकार में हलचल तेज है।

राजभवन पहुंचा मामला -
गुड गर्वनेंस में डीजी पद पर मनोनयन की तैयारी और विवाद बढ़ने के कारण मामला राजभवन पहुंच गया है। ट्रांस्परेंसी इंटरनेशन इंडिया के सदस्य अजय दुबे ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि कैबिनेट के निर्णय के तहत यहां चयन के माध्यम से ही नियुक्ति हो। उन्होंने सुप्रीमकोर्ट द्वारा पीजी थॉमस केस के फैसला का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे पदों पर चयन के माध्यम से ही नियुक्ति होना चाहिए। सरकार पूर्व मुख्य सचिव की नियुक्ति की तैयारी कर रही है। पूर्व मुख्य सचिव का नाम लिए बगैर इन्होंने लिखा है कि पूर्व मुख्य सचिव की ईमानदारी संदिग्ध है। चयन के माध्यम से योग्यता को महत्व मिलेगा।

7:17 AM - No comments

विधानसभा : अगले हफ्ते बढ़ जाएगा अफसरों का ओहदा

प्रमोशन की आस लगाए बैठे विधानसभा अधिकारी और कर्मचारियों को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि प्रथम श्रेणी अधिकारियों के लिए डीपीसी हो चुकी है। अगले हफ्ते एक बैठक और होगी। इसी के साथ प्रमोशन आदेश जारी हो जाएंगे। अन्य पदों के लिए डीपीसी इसके बाद होगी।

विधानसभा में प्रथम श्रेणी के रिक्त पदों की बात करें तो यहां अतिरिक्त सचिव का एक पद रिक्त है। सत्यनारायण शर्मा के बर्खास्त होने के कारण यह पद रिक्त हुआ है। इसी प्रकार उप सचिव के दो पद और अवर सचिव के तीन पद रिक्त बताए जाते हैं। उप सचिव स्तर के अफसरों में वरिष्ठता की बात की जाए तो प्रमोद रेगे और प्रियनाथ त्रिपाठी का नाम आता है। इसमें त्रिपाठी उप सचिव हैं जबकि रेगे अनुसंधान, संदर्भ एवं पुस्तकालय की संचालक हैं। इनमें से किसी एक अफसर को प्रमोशन मिलना तय है। रोस्टर के तहत अतिरिक्त सचिव का पद अनारक्षित वर्ग में आता है, जबकि उप सचिव के रिक्त दो पदों में से एक पद आरक्षित वर्ग में आएगा, इसलिए यहां एक आरक्षित और एक सामान्य वर्ग का अफसर प्रमोट होगा।

दूसरी और अंतिम बैठक अगले हफ्ते -
प्रथम श्रेणी के लिए पदोन्नति समिति की एक बैठक हो चुकी है, इसमें खाका तैयार हो गया है। अभी एक और बैठक होना है। इसकी औपचारिका पूरी होते ही प्रमोशन आदेश जारी हो जाएंगे। यह औपचारिकता सोमवार 11 जून को पूरी होने की संभावना है, क्योंकि अवकाश पर गए प्रमुख राजकुमार पाण्डे इसी दिन लौट रहे हैं, संभावना है इसी दिन विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी भी भोपाल में रहेंगे।

एक पखवाड़े में अन्य के प्रमोशन -
प्रथम श्रेणी अधिकारियों के पदोन्नति आदेश जारी होते ही द्वितीय श्रेणी सहित अन्य कर्मचारी वर्ग के प्रमोशन के लिए भी विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। इनकी बैठक भी अगले हफ्ते होने की संभावना है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो एक पखवाड़े में सभी पदों पर प्रमोशन हो जाएंगें।

7:15 AM - No comments

15 जिलों के कलेक्टर ‘सेफ’

 प्रदेश के 15 जिलों के कलेक्टरों के लिए राहत की खबर है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इन जिलों में कलेक्टरों सहित चुनाव कार्य में  लगे अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगा दी गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के तहत प्रदेश की 49 नगरीय निकायों में दो चरणों में मतदान होना है। प्रथम चरण का मतदान 28 जून और द्वितीय चरण का मतदान 30 जून को होना है। प्रथम चरण के मतदान के परिणामों की घोषणा 2 जुलाई और द्वितीय चरण के परिणामों की घोषणा 4 जुलाई को होगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। यानी जिन 15 जिलों के अंतर्गत चुनाव हो रहे हैं वहां चुनाव कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। इनमें आदिवासी जिलों के कलेक्टर शामिल हैं। जून तक गेंहू खरीदी के चलते राज्य सरकार ने कलेक्टरों के तबादले न करने का फैसला लिया था। गेंहू खरीदी का कार्य पूर्ण होते ही सरकार ने तबादला मंथन शुरू किया, तबादला आदेश जारी होता इसके पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। चुनाव घोषणा के साथ ही कलेक्टरी कर रहे आईएएस अफसरों ने राहत की सांस जरूर ली होगी। 

ये कलेक्टर सुरक्षित -
रतलाम राजेन्द्र शर्मा, बैतूल बी चंद्रशेखर, झाबुआ जयश्री कियावत, अलीराजपुर राजेन्द्र सिंह, धार बृजमोहन शर्मा, बड़वानी नवनीत कोठारी, बुरहानपुर आशुतोष अवस्थी, छिंदवाड़ा महेश चंद्र चौधरी, सिवनी अजीत कुमार, मण्डला स्वाति मीना, डिण्डोरी जीवी रश्मि, बालाघाट विवेक कुमार पोरवाल, शहडोल नीरज दुबे, अनुपपुर जेके जैन, उमरिया एनएस भटनागर।

अधिकारी बोले -
49 नगरीय निकायों में चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। चुनाव कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों पर भी रोक लगा दी गई है। यदि बहुत जरूरी हुआ तो राज्य सरकार तबादलों से पहले आयोग से अनुमति लेगी।
अजीत रायजादा, आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग

7:14 AM - No comments

49 नगरीय निकायों के आम चुनाव घोषित

 राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की 49 नगरीय निकायों में आम चुनाव की घोषणा कर दी है। यहां दो चरणों में 28 और 30 जून को मतदान होगा। चुनाव की घोषणा के साथ चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। यानी जिन 15 जिलों के नगरीय निकायों में चुनाव होना है वहां के लिए सरकार कोई भी ऐसी भी घोषणा नहीं कर सकती जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।
प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त अजीत रायजादा और सचिव सुभाष जैन ने आम चुनाव की घोषणा करते हुए बताया कि दो चरणों में मतदान होगा। इसके लिए 28 जून और 30 जून की तिथि निर्धारित की गई है। प्रथम चरण में हुए मतदान के परिणामों की घोषणा 2 जुलाई और द्वितीय चरण के परिणाम की घोषणा 4 जुलाई को होगी। एक जनवरी 2012 की स्थिति में मतदाता सूची के आधार पर इन नगरीय निकायों में चुनाव होंगे। 7 जून से 14 जून तक निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन एवं नाम निर्देशन पत्र प्राप्त किए जा सकेंगे। 18 जून को अभ्यार्थी नाम वापस ले सकेंगे। मतदान सुबह 7 से शाम 5 बजे तक होगा।
कोर्ट का था स्थगन -
प्रदेश के 16 जिलों के 52 नगरीय निकायों में आम चुनाव नवम्बर, दिसम्बर 2009 में पांच वर्ष पूर्ण होने पर कराया जाना प्रस्तावित थे, लेकिन मामला कोर्ट में होने के कारण यहां चुनाव घोषित नहीं किए जा सके। पिछले वर्ष 2011 में 22 सितम्बर को स्थगन आदेश हटाए जाने के साथ ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई थी। निर्वाचन आयुक्त रायजादा ने बताया कि खरगौन जिले की नगर पालिका परिषद खरगौन के क्षेत्र विस्तार और सीमवृद्धि की कार्यवाही के कारण मतदाता सूची तैयार जाने की प्रक्रिया आयोग द्वारा स्थगित किए जाने के कारण यहां चुनाव बाद में कराए जाएंगे। इसी प्रकार महेश्वर में विधानसभा के उप चुनाव होने के कारण महेश्वर, मण्डलेश्वर, भीकनगांव में आम निर्वाचन कार्यक्रम बाद में जारी किया जाएगा। जबकि मई 2011 में कार्यकाल पूर्ण करने वाली नगर परिषद रानापुर (झाबुआ) के आम निर्वाचन इसी चुनाव के साथ कराए जा रहे हैं।